एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु की पूजा और आराधना की जाती है। एकादशी के व्रत के लिए कहा जाता है की इस व्रत में अन्न का दाना और चावल भी नहीं खाने चाहिए और यह भी कहा जाता है की अगर आपका व्रत नहीं है तो भी आपको एकादशी वाले दिन चावल नहीं खाने चाहिए। ऐसा करने से आपको पाप लगता है और व्रत करने वाले को व्रत नहीं लगता है। तो क्या यह बात सही है अगर हाँ तो क्यों, चलिए जानते है इस पोस्ट में।
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Ekadashi ke Vrat mein kya nahi Khana Chahiye |
एकादशी के व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए - Ekadashi ke Vrat mein kya nahi Khana Chahiye
एकादशी के दिन अन्न यानि गेहूँ, चावल इत्यादि को बिलकुल भी नहीं खाना चाहिए और यदि आप एकादशी का व्रत भी नहीं कर सके तो इस दिन चावल और उससे बने प्रदार्थ नहीं खाने चाहिए।
पाप क्यों लगता है - अगर आप एकादशी के दिन अन्न या उससे बना कुछ खाते है तो उसे पाप-भोजन कहा जाता है।
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इसके लिए शास्त्रों में कहा गया है की - ब्रह्महत्या आदि समस्त पाप एकादशी के दिन अन्न में रहते है, अतः एकादशी के दिन जो भोजन करता है, वह पाप-भोजन करता है।
एकादशी व्रत का प्रभाव- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को चन्द्रमा की एकादशी कलाओं का प्रभाव जीवों पर पड़ता है। चन्द्रमा का प्रभाव शरीर और मन पर होता है, इसलिए एकादशी तिथि को शरीर की अस्वस्था और चंचलता बढ़ जाती है। इसी तरह कृष्णा पक्ष की एकादशी तिथि को सूर्य की एकादश कलाओं का प्रभाव जीवो पर पड़ता है।
इसी कारण उपवास से शरीर को सँभालने और इष्टदेव के पूजन से चित्त की चंचलता दूर करने और मानसिक बल बढ़ाने के लिए एकादशी के व्रत का नियम बनाया गया है।
अन्य जानकारी -
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