भारत में चाँद का अपना ही एक महत्त्व, जिसे भी ईश्वर की तरह ही पूजा जाता है, चाँद के समय और चाँद को देखकर अन्य बहुत से कार्य किये जाते है। भारत में चाँद को देखकर हिन्दू धर्म करवाचौथ का व्रत खोला जाता है, सकट चौथ का व्रत खोला जाता है और अगर वही मुस्लिम धर्म की बात करें तो चाँद को देखकर ईद का त्यौहार मनाया जाता है।
अगर आज हमे चाँद को देखकर या चाँद के समय के अनुसार कोई काम करना है तो सबसे पहले मन में यही सवाल आता है की आज चन्द्रमा किस टाइम निकलेगा (Aaj Chandrama Kis Time Niklega)। चाँद का समय हर रोज अलग अलग होता है क्योकि चंद्रोदय हमारे सौर मंडल में होने वाली एक प्राक्रतिक घटना है। इस पोस्ट में अब हम जानते है की आज चन्द्रमा कितने बजे निकलेगा - Aaj Chandrama Kitne Time Nikalega
आज चन्द्रमा कितने बजे निकलेगा - Aaj Chandrama Kitne Time Nikalega
आसमान में चन्द्रमा के उदय होने की प्रक्रिया को चंद्रोदय कहते है। चंद्रोदय का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है की जिस दिन चाँद नहीं निकलता उस दिन सभी जगह घना अंधेरा छा जाता है। बचपन में जब बच्चों को कहानी कविता सुनाई जाती है तो चाँद को चंदा मामा कहकर बुलाया जाता है। इन सबके बाद अब जानते है की 22 जनवरी आज चाँद कब निकलेगा - 22 January Chand Kab Niklega Aaj Ka Time 2022
- आज की तारीख - 22 जनवरी 2022
- आज चन्द्रमा निकलने का समय - 20:59:00 (08:59:00 PM)
- आज चाँद के अस्त होने का समय - 09:31:59 (09:31:59 AM)
नोट- ऊपर दिया गया चाँद निकलने का समय नई दिल्ली के हिसाब से है, अन्य शहरों के लिए यह समय वहाँ के मौसम के अनुसार थोड़ा अलग हो सकता है और कुछ शहरों का आज का चाँद का समय आप नीचे देख सकते हैं- Source
- यूपी- 20:39
- दिल्ली- 20:40
- लखनऊ- 20:27
- वाराणसी- 20:20
- गाजियाबाद- 20:40
- पटना- 20:11
- रांची- 20:12
- बरेली- 20:32
- भागलपुर- 20:03
- प्रयागराज- 20:25
- कानपुर- 20:31
- अमृतसर- 20:48
- चंडीगढ़- 20:41
- जालधंर- 20:46
- गुरुग्राम- 20:42
- फरीदाबाद- 20:41
- सिरसा- 20:50
- भागलपुर- 20:03
- मधुबनी- 20:06
- आगरा-20:39
- मेरठ- 20:39
- गया- 20:12
- मुंबई- 21:07
- इंदौर- 20:52
- पुणे- 21:04
चंद्र देव कौन है ?
हिन्दू धर्म में चन्द्रमा की पूजा और उन्हें प्रसन्न करने के लिए बहुत से लोग व्रत और उपवास रखते है, लेकिन आप में से बहुत से लोगों को कम जानकारी होगी की चंद्रदेव कौन है?
भागवत पुराण के अनुसार चन्द्रमा को महर्षि अत्रि और अनुसूया का पुत्र माना गया है। चंद्र देव के वस्त्र, इनका रथ और इनका अश्व सभी कुछ श्वेत रंग का है। इनके वंश में भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया था, जिसकी वजह से चंद्र देव भी भगवान श्रीकृष्ण की तरह ही सोलह कलाओं से युक्त थे। समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न होने के कारण इन्हें मां लक्ष्मी और कुबेर महाराज का भाई माना गया है। भगवान शिव ने इन्हें अपने मस्तक पर धारण किया है।
चंद्र देव का विवाह राजा दक्ष की 27 कन्याओं से हुआ है, जिन्हें हम 27 नक्षत्रों के रूप में जानते हैं। पुराणों के अनुसार बुध को इनका पुत्र बताया गया है, जिसकी उत्पति तारा से हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि चन्द्रमा की दशा 10 वर्षों की होती है और यह कर्क राशि के स्वामी होते हैं। नवग्रहों में चन्द्रमा को दूसरा स्थान प्राप्त है।
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